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अध्यक्ष दारुल उलूम ताजुल मसाजिद मौलाना प्रोफेसर मोहम्मद हस्सान ख़ां साहब

 

आपका जन्म 1952 ई० में भोपाल में हुआ। आप स्व० मौलाना इमरान ख़ां नदवी अज़हरी के कनिष्ठ सुपुत्र हैं। आपकी आरंभिक शिक्षा दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में ही हुई। 1968 ई० में मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके पश्चात उच्च शिक्षा हेतु लीबिया के नगर बेनग़ाज़ी प्रस्थान कर गये और वहां इस्लामिया विश्वविद्यालय से लीसांस (बी।ए।) की उपाधि 1972 ई० में प्राप्त की फिर भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से एम।ए। तथा पी।एच।डी। की उपाधियाँ प्राप्त कीं।

आपने लीबिया से शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात दारुल उलूम ताजुल मसाजिद भोपाल में चार वर्ष 1973 से 1977 ई० तक मानद शैक्षिक सेवाएं दीं।

7 अप्रैल 1980 ई० में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के अरबी विभाग में व्याख्याता (लेक्चरर) नियुक्त हुए फिर प्रगति के आयाम तय करते हुए रीडर, प्रोफेसर, विभाग प्रमुख और कला संकाय के अध्यक्ष के पदों को सुशोभित किया और अरबी विभाग को अपने परिश्रम से शिखर पर पहुंचाया, 2017 ई० में अध्यक्ष पद से ही सेवानिवृत्त हुए।

आपने विभिन्न देशों की यात्रायें कीं देश-विदेश के महत्वपूर्ण अधिवेशनों में निरंतर भाग लिया अभी तक आपकी महत्वपूर्ण विषयों पर 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विभिन्न समितियों और संस्थानों के आप सम्माननीय सदस्य हैं। आपको अरबी भाषा की सेवा की स्वीकारोक्ति हेतु 2015 ई० में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ।

1982 ई० में आप को दारुल उलूम की अधिकारिक परिषद का सदस्य नामित किया गया। 1986 ई० उप अध्यक्ष नियुक्त किया गया और लगभग 9 वर्ष आप उप अध्यक्ष के पद पर 1995 ई० तक कार्य करते रहे। 1995 ई० में आपको दारुल उलूम का अध्यक्ष बनाया गया।

2020 ई० में पूर्व अध्यक्ष दारुल उलूम हाफिज सिराजुल हसन साहब के देहांत के पश्चात आपको सर्वसम्मति से दूसरी बार दारुल उलूम का अध्यक्ष चयनित किया गया। पवित्रतम अल्लाह आपकी छाया को विस्तार दे और आपसे अपनी सहमति के कुछ और अधिक कार्य ले।

दारुल उलूम ताजुल मसाजिद मौलाना प्रोफेसर मोहम्मद हस्सान ख़ां साहब

 

आपका जन्म 1952 ई० में भोपाल में हुआ। आप स्व० मौलाना इमरान ख़ां नदवी अज़हरी के कनिष्ठ सुपुत्र हैं। आपकी आरंभिक शिक्षा दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में ही हुई। 1968 ई० में मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके पश्चात उच्च शिक्षा हेतु लीबिया के नगर बेनग़ाज़ी प्रस्थान कर गये और वहां इस्लामिया विश्वविद्यालय से लीसांस (बी।ए।) की उपाधि 1972 ई० में प्राप्त की फिर भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से एम।ए। तथा पी।एच।डी। की उपाधियाँ प्राप्त कीं।

आपने लीबिया से शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात दारुल उलूम ताजुल मसाजिद भोपाल में चार वर्ष 1973 से 1977 ई० तक मानद शैक्षिक सेवाएं दीं।

7 अप्रैल 1980 ई० में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के अरबी विभाग में व्याख्याता (लेक्चरर) नियुक्त हुए फिर प्रगति के आयाम तय करते हुए रीडर, प्रोफेसर, विभाग प्रमुख और कला संकाय के अध्यक्ष के पदों को सुशोभित किया और अरबी विभाग को अपने परिश्रम से शिखर पर पहुंचाया, 2017 ई० में अध्यक्ष पद से ही सेवानिवृत्त हुए।

आपने विभिन्न देशों की यात्रायें कीं देश-विदेश के महत्वपूर्ण अधिवेशनों में निरंतर भाग लिया अभी तक आपकी महत्वपूर्ण विषयों पर 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विभिन्न समितियों और संस्थानों के आप सम्माननीय सदस्य हैं। आपको अरबी भाषा की सेवा की स्वीकारोक्ति हेतु 2015 ई० में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ।

1982 ई० में आप को दारुल उलूम की अधिकारिक परिषद का सदस्य नामित किया गया। 1986 ई० उप अध्यक्ष नियुक्त किया गया और लगभग 9 वर्ष आप उप अध्यक्ष के पद पर 1995 ई० तक कार्य करते रहे। 1995 ई० में आपको दारुल उलूम का अध्यक्ष बनाया गया।

2020 ई० में पूर्व अध्यक्ष दारुल उलूम हाफिज सिराजुल हसन साहब के देहांत के पश्चात आपको सर्वसम्मति से दूसरी बार दारुल उलूम का अध्यक्ष चयनित किया गया। पवित्रतम अल्लाह आपकी छाया को विस्तार दे और आपसे अपनी सहमति के कुछ और अधिक कार्य ले।