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कार्यकारी परिषद
दारुल उलूम का अध्यक्ष इस परिषद के सहयोग से दारुल उलूम के सब कार्य निष्पादित करता है। यह परिषद पांच सदस्यों पर आधारित होती है जिन्हें अधिकारिक परिषद के सदस्यों में से ही चयनित किया जाता है।
श्रीमान मोहम्मद जावेद मियां साहब कन्जे भाई
आपका जन्म 14 अगस्त 1959 ई० को भोपाल में हुआ। आपके पिता अब्दुल मजीद साहब उपनाम कन्जे भाई भोपाल के प्रसिद्ध व्यक्ति थे।
आप आरंभ ही से अपने पिता के व्यवसाय में संलग्न रहे तथा अपने परिश्रम, समर्पण भाव, ईमानदारी, अच्छे स्वभाव तथा उच्च चरित्र से उसमें चार चाँद लगा दिए। आपकी गणना न केवल भोपाल व मध्य प्रदेश अपितु भारत के बड़े व्यवसाईयों में होती है।
युवावस्था से ही तब्लीगी कार्य से जुड़े रहे तथा भोपाल इज्तिमा के प्रबंधन व व्यवस्था में आपकी केंद्रीय भूमिका रहती है। भारत के वरिष्ठ जनों तथा ज्ञानियों से निकटता प्राप्त है बहुत सारे धार्मिक संस्थानों तथा मस्जिदों की समितियों के सदस्य हैं।
2000 ई० में आपको दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की अधिकारिक परिषद का सदस्य चयनित किया गया। दारुल उलूम के संस्थापक हज़रत मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां नदवी अज़हरी व पूर्व शिक्षा सचिव से आपका विशेष संबंध रहा है। दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के पूर्व अध्यक्ष हज़रत मौलाना मुहम्मद सईद मियां मुजद्दिदी व हाफिज़ मुहम्मद सिराजुल हसन साहब मुजद्दिदी के आप विशेष विश्वासपात्र रहे हैं। 2017 ई० में आपको दारुल उलूम का प्रबंधन सचिव नियुक्त किया गया आप दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के निर्माण व सुधार तथा उसके लिए निस्वार्थ दान के प्रबंधन व व्यवस्था के संसाधनों से आमदनी बढ़ाने के कार्यों में तन मन से समर्पित रहते हैं।
मौलाना डॉ० हुसैन मोहम्मद साहब नदवी
आपका जन्म 1953 ई० में जिला शाजापुर मध्य प्रदेश में हुआ। आरंभिक शिक्षा वहीं पर रहकर प्राप्त की फिर अप्रैल 1961 ई० में दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के क़ुरान कंठस्थ करने के विभाग में प्रवेश लिया जहाँ क़ुरान कंठस्थ किया तथा अरबी की शिक्षा प्राप्त की। ज्ञानी तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु 1970 ई० में दारुल उलूम नदवातुल उलेमा चले गये। 1975 ई० में नदवा से शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बी.यू.एम.एस. में प्रवेश लिया जहां से 1980 ई० में पूर्ण किया। अलीगढ से पूर्ण होने के पश्चात भोपाल पधारे फरवरी 1981 ई० में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में तिबबे-यूनानी से संलग्न हो गये जहाँ चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई फिर प्रगति करते हुए 2011 ई० में अधीक्षक यूनानी मेडिसिन के पद पर पहुंचे। 31 वर्ष इस विभाग की सेवा के पश्चात 2013 ई० में सेवानिवृत्त हुए। 1996 ई० में आप दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की अधिकारिक परिषद के सदस्य नामित हुए। 2017 ई० में आप कार्यकारी परिषद के भी सदस्य बनाये गये। दीर्घकाल तक आपने रमज़ानुल मुबारक में दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में तरावीह की नमाज़ भी पढ़ाई है।
श्रीमान ज़ियाउद्दीन अलवी साहब
आपका जन्म 1946 ई० में हुआ। आरंभिक शिक्षा भोपाल में ही प्राप्त की फिर आपने 1966 ई० में बी.ई. आनर्स (मेकेनिकल इंजीनियरिंग) किया तथा 1970 ई० में (संवैधानिक तथा प्रशासनिक क़ानून) में एल.एल.बी. की उपाधि प्राप्त की। 1967 ई० में बी.एच.ई.एल। से संलग्न हुए जहाँ से 1999 ई० में जरनल मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए। अक्टूबर 1999 ई० से उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में टैक्स और सिविल ला से सम्बंधित वकील व क़ानूनी सलाहकार बतौर कार्य कर रहे हैं। 2000 ई० से 2006 ई० तक विभिन्न आर्थिक मामलों से सम्बंधित विषयों पर शैक्षिक सेवा दी। आप 2014 ई० से 2018 ई० तक औक़ाफ़े शाही के सदस्य भी रहे। 2011 ई० में आपको दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की अधिकारिक परिषद का सदस्य नामित किया गया।
डॉ० आरिफ़ जुनैद नदवी
आपका जन्म भोपाल में 1962 ई० में हुआ आरंभिक शिक्षा दारुल उलूम ताजुल मसाजिद भोपाल में हुई। ज्ञानी की उपाधि 1978 ई० में उच्च प्रमाण पत्र 1980 ई० दारुल उलूम नदवातुल उलेमा से प्राप्त किया। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के अरबी विभाग से 1985 ई० में एम.ए. और 1993 ई० में पी.एच.डी. की डिग्री ली। तथा उर्दू भाषा में भी एम.ए. 2001 ई० में किया। 2008 ई० में एम.एड. किया 1986 ई० में बतौर शिक्षक शासकीय सेवा में आए 1997 ई० से 2004 ई० तक हेड मास्टर रहे। 2004 ई० में उर्दू भाषा के व्याख्याता बतौर डी.आई.टी. कालेज भोपाल में नियुक्त हुए। शिक्षकों का प्रशिक्षण, उर्दू पाठ्य पुस्तकों का संपादन व अवलोकन तथा अन्य शैक्षिक गतिविधियों में आपकी उल्लेखनीय भूमिका रहती है। अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी व संचालन किया। एस.सी.ई.आर.टी. तथा एन.सी.ई.आर.टी. के सदस्य तथा प्रान्त के उर्दू समन्वयक भी हैं।