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उच्चतम (इस्लामिया महाविद्यालय)
दारुल उलूम ताजुल मसाजिद का सबसे महत्वपूर्ण विभाग, उच्चतम विभाग है। जिसका पाठ्यक्रम नदवातुल उलमा लखनऊ (यू।पी।) के उच्चतम विभाग के अनुसार है। जिसकी अवधि चार वर्ष है। इस विभाग में उन छात्रों को प्रवेश मिलता है जो उच्चतम से शिक्षा पूर्ण कर चुके हों या उसके समकक्ष शिक्षा उन्होंने किसी प्रमाणित संस्थान से ग्रहण की हो।
जो विषय इस विभाग में पढ़ाए जाते हैं वह निम्नलिखित हैं।
एकेश्वर वाद व विश्वास, क़ुरान की व्याख्या व व्याख्या के सिद्धांत, हदीस की व्याख्या व व्याख्या के सिद्धांत, इस्लामी न्यायशास्त्र और न्यायशास्त्र के सिद्धांत, इस्लामी विरासती कानून व कर्तव्यों का ज्ञान, अरबी गद्य और कविता, अरबी शब्द के भागों का विज्ञान व व्याकरण व भाषण कला (इल्मे सर्फ़ व नहो व ब्लॉगह), निबंध लेखन (इल्मे ताबीर), अरबी साहित्य का इतिहास व समीक्षा, उर्दू साहित्य, अंग्रेज़ी साहित्य, इतिहास व जीवनी (तारीख़ व तराजिम), भूगोल, संस्कृति व सभ्यता, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र।
उच्चतम के चौथे वर्ष में सफलता के पश्चात छात्र को दारुल उलूम से ज्ञानी (बी.ए.) लीसांस की उपाधि दी जाती है। उपाधि वर्ष की यह परीक्षा दारुल उलूम नदवातुल उलेमा लखनऊ (यू.पी.) के तत्वावधान में आयोजित होती है।