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दारुल उलूम के प्रसिद्ध जन
सूचकांक
- हज़रत मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां नदवी अज़हरी
- मौलाना सय्यद मंज़ूर हुसैन सरोष
- मौलाना प्रोफेसर मोहम्मद हस्सान ख़ां
- मौलाना मोहम्मद सईद साहब मुजद्दिदी
- हाफिज़ मोहम्मद सिराजुल हसन साहब मुजद्दिदी
- मौलाना हबीब रेहान ख़ां नदवी अज़हरी
- मौलाना सय्यद हशमत अली साहब
- मौलाना मोहम्मद नोमान ख़ां साहब नदवी
- मौलाना मोहम्मद सलमान ख़ां साहब नदवी
- मौलाना मोहम्मद लुक़मान ख़ां साहब नदवी अज़हरी
- हाफिज़ मौलाना मेहमूद ख़ां साहब
- प्रारंभ से अब तक कार्यकारी परिषद के सदस्य
पदाधिक़ारी
प्रथम अध्यक्ष हज़रत मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां नदवी अज़हरी (देहांत 18 अक्टूबर 1986 ई०)
हज़रत मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां नदवी अज़हरी संस्थापक दारुल उलूम ताजुल मसाजिद प्रथम अध्यक्ष हुए तथा इस पद पर 1950 ई० से मृत्यु दिवस तक अध्यक्ष चयनित होते रहे।
द्वित्तीय अध्यक्ष मौलाना सय्यद मंज़ूर हुसैन सरोष (देहांत 2 मई 1997 ई०)
सैय्यद मंज़ूर हुसैन सरोष साहब का परिवार सारंगपुर के सैय्यदों का है। आपका जन्म 1906 ई० में दोराहे में हुआ जहाँ आप के पिता तबारक हुसैन सेवा में थे।
आरंभिक शिक्षा सुलेमानिया मदरसा में हुई, वहां से मौलवी, आलिम और फ़ाज़िल अदब की उपाधियाँ प्राप्त कीं। बाद में दफ्तर हुज़ूर महालेखाकार के कार्यालय में 1929 या 1930 ई० में आपकी नियुक्ति हुई फिर विभिन्न विभागों व पदों पर कार्य करते हुए अंत में ओक़ाफ़े शाही के सचिव नियुक्त हुए और इस पद पर 1974 ई० तक रहे।
1959 ई० में स्व० मौलाना ने उनको सलाहकार समिति का सदस्य बनाया, कुछ समय पश्चात उनको लेखा कार्य की देख रेख का कार्य भी सौंप दिया गया। बाद में स्व० मौलाना ने उनको उपअध्यक्ष भी नियुक्त किया वह मौलाना की मृत्यु तक इस पद पर कार्यरत रहे।
मंज़ूर साहब की बुद्धिमत्ता, नियमों की जानक़ारी और सब से बढ़कर कार्यों की पारदर्शिता और पवित्रता को मौलाना ने सदैव सम्मान की दृष्टि से देखा। ताजुल मसाजिद के क़ानूनी तथा न्यायालीय कार्यों में सफलता वस्तुतः मंज़ूर साहब की सूझबूझ के कारण ही मिली इसीलिए जब ताजुल मसाजिद के निर्माण का समय आया तो मौलाना ने उनको निर्माण कार्यों का प्रबंधक नियुक्त किया जिस को उन्होंने दिन रात के परिक्रम से सफल बनाया।
आप क़ानूनी व आर्थिक कार्यों के विशेषज्ञ और दारुल उलूम के संस्थापक के सलाहकार थे लेकिन वह स्वंय मौलाना तथा उनकी शैक्षिक, क़ानूनी व व्यवस्थात्मक प्रतिभा के प्रशंसक थे।
वह निस्वार्थ भाव तथा प्रेम के आधार पर मौलाना के निकट विश्वास-पात्र बन गये थे और मौलाना के देहांत के पश्चात सर्व सम्मति से दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के अध्यक्ष चयनित हुए। 1986 ई० से 1995 ई० तक आप ने इस फुलवारी की देख रेख की। लगभग तीस वर्ष इस संस्थान हेतु निस्वार्थ (केवल अल्लाह के लिये) वेतन रहित सेवा करते रहे। आपकी सलाह और कार्यों से दारुल उलूम ने विकास के वह आयाम छुए जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।
तृतीय अध्यक्ष मौलाना प्रोफेसर मोहम्मद हस्सान ख़ां
आपका जन्म 1952 ई० में भोपाल में हुआ। आप स्व० मौलाना के कनिषठ सुपुत्र हैं। आपकी आरंभिक शिक्षा दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में ही हुई। 1968 ई० में मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके पश्चात उच्च शिक्षा हेतु लीबिया के नगर बेनग़ाज़ी प्रस्थान कर गये और वहां इस्लामिया विश्वविद्यालय से लीसांस (बी.ए.) की उपाधि 1972 ई० में प्राप्त की फिर भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से एम.ए.तथा पी.एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं।
आपने लीबिया से शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात दारुल उलूम ताजुल मसाजिद भोपाल में सात वर्ष 1973 से 1980 ई० तक मानद शैक्षिक सेवाएं दीं।
7 अप्रैल 1980 ई० में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के अरबी विभाग में व्याख्याता (लेक्चरर) नियुक्त हुए फिर प्रगति के आयाम तय करते हुए रीडर, प्रोफेसर, विभाग प्रमुख और कला संकाय के अध्यक्ष के पदों को सुशोभित किया और अरबी विभाग को अपने परिश्रम से शिखर पर पहुंचाया, 2017 ई० में अध्यक्ष पद से ही सेवानिवृत्त हुए।
आपने विभिन्न देशों की यात्रायें कीं देश-विदेश के महत्वपूर्ण अधिवेशनों में निरंतर भाग लिया अभी तक आपकी महत्वपूर्ण विषयों पर 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विभिन्न समितियों और संस्थानों के आप सम्माननीय सदस्य हैं। आपको अरबी भाषा की सेवा की स्वीकारोक्ति हेतु 2015 ई० में राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त हुआ।
लीबिया की शिक्षा पूर्ण करके आपको लीबिया ही में बहुत अच्छा अवसर मिल रहा था विभिन्न संस्थानों से उत्तम प्रस्ताव थे लेकिन आप भोपाल ही में निवासरत रहे और माता पिता की सेवा को सौभाग्य समझते रहे। इस प्रकार आपको स्व० मौलाना इमरान ख़ां दारुल उलूम के संस्थापक के साथ रहने और उनकी कार्यशैली को अति निकट से देखने व समझने का खूब अवसर मिला। 1982 ई० में आप को दारुल उलूम की अधिकारिक परिषद का सदस्य नामित किया गया। मौलाना के देहांत के पश्चात जब मौलाना मंज़ूर सरोष साहब अध्यक्ष चयनित हुए तो आपको उसी समय 1986 ई० उप अध्यक्ष नियुक्त किया गया और लगभग 9 वर्ष आप उप अध्यक्ष के पद पर कार्य करते रहे। 1995 ई० में वृद्धावस्था के कारण मौलाना मंज़ूर सरोष साहब ने त्याग पत्र दे दिया जिसके बाद आपको दारुल उलूम का अध्यक्ष बनाया गया। 4 वर्ष पश्चात 1999 ई० में कुछ अप्रिय कारणों के आधार पर आपने अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया।
आपके अध्यक्षता काल के चार वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निम्नलिखित कार्य हुए:
- अल्लामा सैय्यद सुलेमान नदवी साहब से नामित स्थापित भवन में पुस्तकालय का विस्थापन।
- मस्जिद की जर्जर छत की वयवस्था व सुधार।
- दारुल उलूम परिसर की घेराबंदी।
- पूर्व लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय (डी.पी.आई) भवन की भूमि प्राप्त करना।
- दारुल उलूम परिसर से विभिन्न अतिक्रमणों को हटाना।
इससे परे आपका चार वर्षीय अध्यक्ष काल अधिकारिक परिषद की बैठकों व कार्यक़ारी परिषद के कार्यक्रमों के लिए भी प्रसिद्ध रहा।
2020 ई० में पूर्व अध्यक्ष दारुल उलूम हाफिज सिराजुल हसन साहब के देहांत के पश्चात आपको सर्वसम्मति से दूसरी बार दारुल उलूम का अध्यक्ष चयनित किया गया। पवित्रतम अल्लाह आपकी छाया को विस्तार दे और आपसे अपनी सहमति के कुछ और अधिक कार्य ले।
चौथे अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद सईद साहब मुजद्दिदी (देहांत 30 अप्रैल 2017 ई०)
आपका संबंध सुप्रसिद्ध मुजद्दिदीया परिवार से है। विख्यात बुज़ुर्ग हज़रत शाह मोहम्मद याकूब साहब मुजद्दिदी के आप दूसरे सुपुत्र हैं। आपने 1933 ई० में भोपाल में जन्म लिया। अल्पायु में पवित्र क़ुरान कंठस्थ किया। समय के प्रसिद्ध शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त की। अरबी, उर्दू, फ़ारसी व अंग्रेजी भाषाओँ से आप परिचित थे। अरबी व उर्दू में गध लेखन के साथ साथ कविता पर भी अधिकार था।
स्व० मौलाना आपके शिक्षक थे। आपके पिता से श्रद्धा व सम्मान के कारण स्व० मौलाना आपका बहुत सम्मान करते थे। सईद मियां मोहतरम को भी स्व० मौलाना से बहुत प्रेम व श्रद्धा थी। उनकी रविवार की आत्मीय बैठकों में अधिकतर स्व० मौलाना की चर्चा होती थी। अनेक बार मौलाना ने निवेदन करके आपसे ताजुल मसाजिद में ईदों की नमाज़े पढ़वाईं। दीर्घ समय तक वहां तरावीह की नमाज़ भी पढ़वाई। अक्टूबर 1961 ई० में दारुल उलूम की अधिकारिक परिषद के सदस्य बनाये गये। ताजुल मसाजिद की कईं प्रदर्शनियों का आपके द्वारा उद्घाटन कराया गया।
1999 ई० में आप दारुल उलूम के अध्यक्ष नियुक्त हुए आपने दारुल उलूम का अध्यक्ष पद ग्रहण कर के समाज के इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान की बुरी नियत वालों और संस्थान के शत्रुओं से न केवल रक्षा की बल्कि इसके कार्य को प्रगति के पथ पर आगे भी बढ़ाया। शिक्षा के विकास के साथ साथ आपके अध्यक्षता काल में विभिन्न निर्माण कार्य भी हुए। जिसमें रसोई से लगा एक बड़ा भवन अनाज भंडारण हेतु निर्मित किया गया। मीनारों के बरामदों का सुधार कार्य किया गया। इसी प्रकार परिसर के उत्तर-पूर्वी मैदान में एक भव्य आधुनिक शैली के छात्रावास निर्माण का शुभारंभ किया गया जिसका शिलान्यास आपके ही हाथों से रखा गया (विवरण हेतु इतिहास का लिंक देखें)
30 अप्रैल 2017 ई० में 83 वर्ष की आयु में अल्प बीमारी के पश्चात आपका देहांत हुआ।
पांचवें अध्यक्ष हाफिज़ मोहम्मद सिराजुल हसन साहब मुजद्दिदी (देहांत 2 सितंबर 2020 ई०)
आपका संबंध भी मुजद्दिदीया परिवार से है आप हज़रत शाह मोहम्मद याक़ूब साहब मुजद्दिदी के सुपुत्र और सईद मियां साहब के कनिष्ठ भाई थे। आपका जन्म 1940 ई० में भोपाल में हुआ। अल्पायु में क़ुरान कंठस्थ किया। आप सूझ बुझ के धनी थे। आपकी समाज पर व्यापक दृष्टि थी। आप बुद्धिमत्ता के साथ अल्लाह की और बुलाने तथा मुस्लिम समाज के पारस्परिक संबंधों में सुधार के पक्षधर थे। समाज के बच्चों की शिक्षा हेतु सदैव चिंतित रहते थे और इस संबंध में निरंतर सलाह देते और धार्मिक विचारधारा व मत का ध्यान किये बिना हर सुधार कार्य में लगातार सम्मिलित होते।
मई 2017 ई० में आप दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की अधिकारिक परिषद के सदस्य चयनित हुए फिर 23 जुलाई 2017 ई० को सलाहकार समिति ने आपको अध्यक्ष चयनित किया।
आपने अपने लघु अध्यक्षता काल में शैक्षिक व निर्माण कार्यों को गति दी और दारुल उलूम की सुरक्षा व शक्ति में महत्वपूर्ण माध्यम बने।
2 सितंबर 2020 ई० को आपका देहांत हुआ। लाल परेड स्थित पारिवारिक क़ब्रिस्तान में दफ़न हुए।
शिक्षा सचिव मौलाना हबीब रेहान ख़ां नदवी अज़हरी (देहांत 8 अगस्त 2009 ई०)
आप मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां साहब के वरिष्ठ सुपुत्र थे। 13 अगस्त 1936 ई० को भोपाल में आपका जन्म हुआ। आरंभ से कक्षा पूर्ण तक दारुल उलूम नदवातुल उलेमा में शिक्षा प्राप्त की जहाँ उस समय आपके पिताजी प्रबंधक थे। 1951 ई० में आपने दारुल उलूम नदवातुल उलेमा से ज्ञानी की, फिर 1953 ई० उच्च तथा 1955 ई० में पूर्णता प्राप्त की। आप बाल्य्काल से ही बुद्धिमान व उत्साही थे। शिक्षा के प्रत्येक आयाम पर सफल रहे। आपके चिंतन पर नदवा अभियान का गहरा प्रभाव था जो चिंतन, लेखन व संबोधन में अंतिम समय तक नज़र आता रहा।
नदवातुल उलेमा से शिक्षा पूर्ण करके भोपाल आ गए और ताजुल मसाजिद की प्रतिनिधि पत्रिका “निशाने मंज़िल” के सम्पादन का कार्य किया साथ ही ताजुल मसाजिद में मानद शैक्षिक कर्तव्य भी निभाए फिर उच्च शिक्षा हेतु 1958 ई० में मिस्र गए जहाँ जामिया अज़हर से एम।ए। व एम।एड। की उपाधियां प्राप्त कीं फिर क़ाहिरा विश्विद्यालय में लीसांस (बी।ए। आनर्स) तथा आधुनिक अरबी में (पी।जी। डिप्लोमा) प्राप्त किया।
उच्च शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात लीबिया के नगर अलबेदा में 1963 ई० से 1987 ई० तक जामिया अल इमाम मोहम्मद बिन अली सन्नोसी में इस्लामी ज्ञान व अरबी भाषा व साहित्य के शिक्षक के पद पर लगभग 25 वर्ष तक शैक्षिक सेवाएं दीं।
अप्रैल 1976 ई० में दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की अधिकारिक परिषद के सदस्य चयनित हुए 1987 ई० में स्वदेश वापसी के पश्चात दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में शिक्षा सचिव का पद ग्रहण किया और अंतिम समय तक ज़िम्मेदारियाँ निभाते रहे। 1989 ई० से 1994 ई० तक कार्यक़ारी अध्यक्ष भी रहे।
छात्र जीवन से ही उर्दू व अरबी भाषा में निबंध लेखन में रूचि हुई “निशाने मंज़िल” के संपादन ने इसमें निखार पैदा कर दिया। नदवा में निवास और स्व० हज़रत मौलाना के सुपुत्र होने के कारण भारत के सभी प्रसिद्ध ज्ञानियों वं कलमकारों का प्रेम व स्नेह भी आपको प्राप्त रहा। सृजनात्मक मानसिकता होने व अध्ययन की असीमित रुची ने आपके ज्ञान को नयी चिंतनीय उचाईयां दीं। आपकी लेखनी हो या भाषा पारदर्शिता व स्पष्टवादिता व ज्ञान वैभव से खाली नहीं रहे।
आपके क़लम से 11 पुस्तकें निकलीं और लगभग 300 से अधिक आलेख देश विदेश की विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। आप ज्ञान के अधिवेशनों में सम्मान से बुलाये जाते थे कईं संस्थानों व समितियों के आप सदस्य थे। जिन में “अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर प्रोग्राम, मलेशिया”, “इस्लामी केंद्र, डुयूसबरी इंग्लैंड”, “पर्सनल लॉ बोर्ड”, “अखिल भारतीय सलाहकार समिति”, “फ़िक़्ह एकेडमी” और “एम.पी. वक़्फ़ बोर्ड” आदि।
2007 ई० में अरबी भाषा व साहित्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा आपको सम्मान से नवाज़ा व प्रमाण पत्र दिया गया।
दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के शिक्षकों व छात्रों के चिंतन विकास व दारुल उलूम के पाठ्यक्रम में सुधार के संबंध में आपका उल्लेखनीय योगदान रहा।
8 अगस्त 2009 ई० को आपका देहांत हुआ।
मौलाना सय्यद हशमत अली साहब उप प्रबंधक (देहांत 7 जुलाई 1994 ई०)
मौलाना सैय्यद हशमत अली साहब का जन्म मुज़फ्फर नगर में हुआ। पिता का नाम सैय्यद बशारत अली, पारिवारिक संबंध बारहा के सैय्यदों से है। उनके नाना मौलवी हाफिज अब्दुल अज़ीज़ साहब शाहजहाँ बैगम के काल में आर्थिक विभाग में प्रबंधक थे उन्हीं की छाया में मौलाना ने मदरसा सुलेमानिया में शिक्षा प्राप्त की फिर इलाहबाद विश्वविद्यालय से मौलवी फ़ाज़िल की उपाधि प्राप्त की आपको पीर अबू अहमद साहब से भी विशेष संबंध था।
मौलाना दारुल उलूम के प्रथम उप प्रबंधक हुए इस से पहले आप जामिया अहमदिया के वरिष्ठ शिक्षक थे। जामिया के समाप्त होने के पश्चात मौलाना इमरान ख़ां साहब के चिंतन से प्रभावित हुए और जब दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की स्थापना हुई तो आप मौलाना के साथ जुड़ गए और दारुल उलूम की सेवा ऐसे निस्वार्थ भाव से की जिसके उदाहरण मिलना कठिन है दारुल उलूम की शिक्षा वयवस्था हो या निर्माण व सुधार कार्य आप सबकी देखरेख करते रहे। आप दिनरात दारुल उलूम की सेवा में समर्पित हो गए आपके यह सारे प्रयास सदैव स्मरण किये जाएंगे और यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की दारुल उलूम के संस्थापक के पश्चात सबसे अधिक सेवा दारुल उलूम की आप ही ने की हे।
मौलाना मोहम्मद नोमान ख़ां साहब नदवी उप प्रबंधक (देहांत 8 मई 1998 ई०)
मौलाना मोहम्मद नोमान ख़ां साहब नदवी का जन्म 1920 ई० के आसपास भोपाल में हुआ। अपने दोनों वरिष्ठ भ्राताओं मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां और मौलाना मोहम्मद इरफ़ान ख़ां साहब की भांति नदवातुल उलेमा में शिक्षा प्राप्त की तथा 1938 ई० में शिक्षा पूर्ण की।
कुछ समय तक पूर्ण कक्षा में शिक्षा देने का अनुभव भी प्राप्त किया उसके बाद भोपाल आ गए तथा ग्राम मनी खेड़ी में पारिवारिक भूमि संभाली फिर व्यवसाय भी किया। हज़रत अल्लामा (आचार्य) सैय्यद सुलेमान नदवी के भोपाल निवास के समय उनकी सेवा में रहे और उनसे बहुत लाभ लिया। जब दारुल उलूम मस्जिद शकूर ख़ां से ताजुल मसाजिद विस्थापित हुआ तो उनके रूप में एक विद्वान शिक्षक की कमी पूरी हो गयी। आप पांचवे वयक्ति हैं जिनकी नियुक्ति दारुल उलूम में हुई पहले केवल पांच घंटे पढ़ाने के लिए बाद में पूर्ण कालिक शिक्षक बनाये गये और एक फरवरी 1952 ई० को आप पुस्तकालय के प्रबंधक भी हो गये।
मौलाना मोहम्मद नोमान ख़ां साहब दारुल उलूम के लिए अनाज प्राप्ति अभियान की जान थे आपने परिश्रम व ईमानदारी से इस कार्य को बहुत आगे पहुंचा दिया। चंदे के अभियानों में भी आप आगे रहे। 1956 ई० में आपको विधिवत दारुल उलूम का दूत नियुक्त किया गया।
11 अक्टूबर 1972 ई० को जब मौलाना हशमत अली साहब सेवानिवृत्त हुए तो आपको कार्यक़ारी उप प्रबंधक बनाया गया फिर एक नवंबर 1973 ई० को आप पूर्ण उप प्रबंधक हो गये। आपका ख़ानक़ाह मुजद्दिदीया व तब्लीगी जमात से विशेष संबंध था। दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में जब ज्ञानी की कक्षा प्रारंभ हुई तो आप बुखारी शरीफ पढ़ाने वाले प्रथम शिक्षक हुए। मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां की मृत्यु के पश्चात आपको नदवातुल उलेमा की सलाहकार समिति का सदस्य भी बनाया गया।
8 मई 1998 ई० को आपका देहांत हुआ।
मौलाना मोहम्मद सलमान ख़ां साहब नदवी उप प्रबंधक (देहांत 17 मई 1991 ई०)
आप मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां साहब के कनिष्ठ भाई थे। 9 जनवरी 1928 ई० को भोपाल में जन्म हुआ। आरंभिक शिक्षा सुप्रसिद्ध मदरसा अहमदिया में हुई फिर पारिवारिक परंपरा अनुसार उच्च शिक्षा हेतु नदवा चले गए, लेकिन घरेलू विवशताओं तथा पिता के अस्वस्थ होने के कारण शीध्र ही वापस घर आना पड़ा।
बाद में 1941 ई० में लखनऊ विश्वविद्यालय से ज्ञानी की उपाधि प्राप्त की। पिता की मृत्यु के पश्चात आपने नदवा में अपने भाई के पास आगे की शिक्षा हेतु निवास किया और नदवा के बड़े शिक्षकों से शिक्षा लाभ लिया।
1943 ई० में भोपाल वापस आ गए और अपनी पारिवारिक भूमि की देखरेख करने लगे। साथ ही रियासत भोपाल के कार्यालय हुज़ूर में शिक्षा व छात्रवृति के विभाग से जुड़ गये तथा 8 वर्ष तक सेवा की।
1947 ई० में जब तब्लीग का कार्य लोकप्रिय हुआ तो आप भी इस कार्य में भागीदार बने और हज़रत मौलाना इमरान ख़ां के साथ अंतिम समय तक इस कार्य से जुड़े रहे।
30 जुलाई 1952 ई० को भोपाल से जब पहली जमात ने अरब के लिए प्रस्थान किया तो आप ही उसके प्रमुख नियुक्त किये गये यह यात्रा आपके लिए बहुत लाभक़ारी रही। अरबी भाषा में विशेषज्ञता प्राप्त हुई। भाषण कला सीखी तथा स्वंय तब्लीग के कार्य को अधिक उत्तम बनाने के कई मार्ग आपके सामने प्रशस्त हुए। इसी यात्रा में विभिन्न सम्मेलनों में भी भागेदारी की आरंभ में अरबी अनुवाद की कार्य में कठिनाईयां अवश्य आईं लेकिन शीध्र ही आपने उन पर नियंत्रण पा लिया। हज़रत मौलाना यूसुफ साहब के विशेष विशवास पात्र हो गये और यही कारण है कि बड़े बड़े तब्लीगी समागमों में अपनी उपस्थिति में आप से उद्बोधन करवाते थे। दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में 20 मई 1956 ई० को आपकी सेवाएं इस प्रकार प्राप्त की गयीं की आप छात्रवास तथा रसोई के प्रबंधक नियुक्त किये गये। 1961 ई० में मास्टर अक़ील साहब के अनाज प्राप्ति का कठिन कार्य भी बहुत अच्छे ढंग से पूर्ण किया। 1962 ई० में हज़रत मौलाना के निवेदन पर आप मुंबई में चंदे के कार्य हेतु गये तथा बहुत सफल रहे। 1971 ई० में जब ताजुल मसाजिद की पूर्णता का ऐतिहासिक कार्य आरंभ हुआ तो आपको निर्माण की देखरेख पर नियुक्त किया गया और आपने इस ज़िम्मेदारी को जिस अद्वत्तीय ढंग से निभाया और जैसे अपने जीवन का प्रत्येक क्षण उसके लिए समर्पित कर दिया वह भुलाने योग्य नहीं है। 20 मार्च 1979 ई० को आपको दारुल उलूम का उप प्रबंधक नियुक्त किया गया इस पद पर 1988 ई० तक निरंतर कार्य करते रहे।
आपकी निर्माण कौशल प्रतिभा के कारण से मस्जिद शकूर ख़ां (तब्लीगी जमात का प्रख्यात स्थान) के निर्माण का कार्य भी आपको सौंप दिया गया।
हज़रत मौलाना के देहांत के पश्चात आपको मस्जिद शकूर ख़ां की समिति का अध्यक्ष चयनित किया गया तथा अंतिम समय तक आप इस पद पर बने रहे।
1975 ई० में जब नदवा का 85 वर्ष पूर्ण होने का विश्व उत्सव आयोजित हुआ और हज़रत मौलाना इमरान ख़ां साहब उस उत्सव की व्यवस्थाओं के प्रमुख हुए तो उनके सहयोगियों में मौलाना सलमान साहब अग्रिम रहे।
सेवानिवृत्ति के पश्चात आप अपने सुपुत्र मोहम्मद रईस ख़ां साहब नदवी के घर पर रहने लगे। 17 मई 1991 ई० को वहीँ पर ही ह्रदयघात के कारण आपकी मृत्यु हुई।
आपका सवभाव व व्यक्तित्व अति प्रशंसनीय था। बहुत बढ़िया रख रखाव वाले, अतिथि सत्कार करने वाले तथा प्रत्येक की सहायता करने की उनकी विशेषताएं सदैव स्मरण की जाएंगी।
मौलाना मोहम्मद लुक़मान ख़ां साहब नदवी अज़हरी उप प्रबंधक (देहांत 5 जुलाई 2002 ई०)
आप स्व० मौलाना के सबसे कनिष्ठ भाई थे। 1940 ई० में भोपाल में आपका जन्म हुआ अभी छोटे ही थे की पिता का स्वर्गवास हो गया इस लिए आपकी समस्त शिक्षा स्व० मौलाना की देखरेख में हुई। पारिवारिक परम्परानुसार आपने भी दारुल उलूम नदवा में शिक्षा प्राप्त की 1958 ई० में ज्ञानी तथा 1960 ई० में उच्च उपाधि प्राप्त करने के बाद आप अति उच्च शिक्षा हेतु मिस्र चले गये जहां जामिया अज़हर और क़ाहिरा विश्विद्यालय से कई उपाधियां प्राप्त कीं। 1963 ई० में लीबिया के नगर अलबेदा में शिक्षण कार्य से जुड़ गये तथा दीर्घकाल तक सेवा करते रहे। 1976 ई० में दारुल उलूम ताजुल मसाजिद की सलाहकार समिति के सदस्य बने। 1987 ई० में जब स्वदेश वापस आए तो दारुल उलूम ताजुल मसाजिद में शिक्षक नियुक्त हुए। 1988 ई० में आप उप प्रबंधक हुए तथा 1997 ई० तक उसी पद पर कार्यरत रहे। अरबी भाषा पर अधिकार तथा शिक्षण कला में विशेषज्ञता रखते थे तथा हंसमुख व जनसेवा के पारिवारिक भाव के कारण आप लोकप्रिय थे।
5 जुलाई 2002 ई० को मस्जिद शकूर ख़ां में आप ने शुक्रवार के दिन जुमे का संबोधन करते समय मेंबर पर ही अंतिम सांस ली।
हाफिज़ मौलाना मेहमूद ख़ां साहब उप प्रबंधक (देहांत 19 जनवरी 1998 ई०)
आप मौलाना नोमान ख़ां साहब के वरिष्ठ सुपुत्र तथा मौलाना के भतीजे थे। 1940 ई० में भोपाल में जन्म हुआ। दारुल उलूम ताजुल मसाजिद से क़ुरान कंठस्थ किया। 1963 ई० में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मेट्रिक किया। 1959 ई० में दारुल उलूम के क़ुरान कंठस्थ करने के विभाग से जुड़े तथा विभिन्न व्यवस्था संबंधी विभागों के जिम्मेदार होते रहे। साथ ही शिक्षा भी निरंतर प्राप्त करते रहे तथा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से आप स्नातक हुए। 1997 ई० में आपको उप प्रबंधक बनाया गया और इस पद पर आप अपनी मृत्यु तक कार्य करते रहे। 19 जनवरी 1998 ई० को असर की नमाज़ हेतु वुज़ू कर रहे थे की ह्रदयघात के कारण आपका देहांत हुआ।
प्रारंभ से अब तक कार्यकारी परिषद के सदस्य
सदस्य का नाम | पद और संबंध |
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मौलाना शोएब साहब | भोपाल के पूर्व काजी |
मौलाना अब्दुल कय्यूम फुलती | शेख वलीउल्लाह के परिवार से संबंधित हैं |
मौलाना अब्दुल हादी खान साहब | भोपाल के पूर्व मुफ्ती |
मौलाना अब्दुर रशीद मिस्कीन साहब | तबलीग़ के पूर्व अमीर |
हाजी अहमद अब्दुल्ला साहब | अमरावती के व्यापारी |
मौलवी सईदुद्दीन कुरैशी साहब (बड़े सईद मियां) | तबलीग़ के जिम्मेदार व्यक्ति |
जनाब अब्दुल हमीद साहब | स्वर्गीय मौलाना के विशेष साथी |
मौलाना मोहम्मद अहमद साहब रिज़वी | तबलीग़ और दारुल उलूम के जिम्मेदार व्यक्ति |
जनाब अब्दुस समद साहब | जेलर |
जनाब मकबूल हुसैन साहब | बेगमगंज के अधिवक्ता |
जनाब मोहम्मद हैदर साहब | बरेली |
मौलाना सलमान खान साहब | स्वर्गीय मौलाना के भाई और दारुल उलूम के निर्माण के पर्यवेक्षक |
जनाब गज़नफ़र अली ख़ान साहब | संपादक निशान-ए-मंज़िल, आफ़ताब-ए-जदीद |
मौलाना मोहम्मद इमरान ख़ां नदवी अज़हरी | म.प्र. के अमीर तबलीग़ और दारुल उलूम ताजुल मस्जिद के निदेशक |
मौलाना सैय्यद हशमत अली साहब | दारुल उलूम के उप प्रबंधक |
जनाब मियां मोहम्मद कासिम साहब | जागीरदार |
जनाब अब्दुल मन्नान साहब | अमरावती के अधिवक्ता |
सैय्यद आफताबुद्दीन साहब (तब्बू मियां) | मौलान का शिष्य और दारुल उलूम के पूर्व शिक्षक |
जनाब इकबाल हुसैन साहब | बी.ए. एल.एल.बी. |
जनाब सैय्यद अब्दुल जलील साहब | एक्सप्रेस ब्लॉक (मुंबई) |
मौलाना अब्दुल वहाब साहब बुखारी | प्रिंसिपल न्यू कॉलेज ऑफ मद्रास (चेन्नई) |
हाजी जाफर इब्राहीम साहब | बैंगलोर |
हाजी इस्माइल साहब | व्यापारी (चेन्नई) |
मौलाना डॉ. सैय्यद अब्दुल अली हसनी | नदवतुल उलेमा लखनऊ के पूर्व निदेशक |
मौलाना उवैस साहब नगरामी नदवी | नदवा के तफ़सीर (पवित्र क़ुरान के व्याख्याकार) के पूर्व शिक्षक |
मौलाना मसूद अली साहब नदवी | दारुल मुसन्नीफ़ीन (लेखकों का घर) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के उप निदेशक |
मौलाना सैय्यद अबुल हसन अली नदवी | नदवा के पूर्व निदेशक |
मौलाना हबीबुर रहमान आज़मी | शैखुल हदीस (पैगंबर के शब्दों के शिक्षक) मऊ, आजमगढ़ |
मौलाना अब्दुस्सलाम कि़दवाई नदवी | नदवा के पूर्व शिक्षक, इस्लामी अध्ययन विभाग के प्रमुख जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली, दारुल मुसन्निफ़ीन आज़मागढ़ के उप निदेशक |
मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अहमद साहब | मऊ इंदौर |
मोहम्मद शफी साहब | पूर्व एमएलए (सागर) |
जनाब हफ़ीज़ुल्लाह ख़ान (नवाब मियाँ) | भोपाल के बड़े व्यापारी और मौलाना के विशेष सहयोगी और सहायक |
जनाब प्रो. डॉ. सैय्यद रफ़ीउद्दीन साहब | अरबी, फारसी और उर्दू विभाग (नागपुर विश्वविद्यालय) के पूर्व प्रमुख |
जनाब सैय्यद मंजूर हुसैन साहब सरौश | भोपाल नगर परिषद के पूर्व उप कार्यकारी अधिकारी और दारुल उलूम ताजुल मस्जिद के निदेशक |
जनाब हाजी अलाउद्दीन साहब | चाय व्यापारी मुंबई और नदवा के सदस्य, देवबंद और मजाहिरुल उलूम और तबलीग के जिम्मेदार व्यक्ति और दारुल उलूम के लिए फंड जुटाने के सक्रिय सदस्य |
जनाब इफ्तिखार अहमद साहब | ग्लू फैक्टरी भोपाल के निदेशक और मौलाना के सलाहकार |
मौलाना मोहम्मद सईद साहब मुजाद्दीदी | दारुल उलूम के पूर्व निदेशक और पूर्व अध्यक्ष एमपी वक्फ बोर्ड |
जनाब मुजफ्फर मोहम्मद खान (मज्जू मियां) | नवाब हमीदुल्ला खान के पूर्व मुख्य सचिव |
मौलाना शाह मुईनुद्दीन अहमद साहब नदवी | दारुल मुसन्नीफ़ीन के निदेशक |
जनाब अब्दुर रऊफ़ ख़ान साहब | मुतवल्ली कमेटी के पूर्व निदेशक, मुंशी हुसैन खान तकनीकी संस्थान के संस्थापक और स्वर्गीय मौलाना के सक्रिय सलाहकार |
मौलाना अब्दुल माजीद दरियाबादी | पवित्र कुरान के व्याख्याकार, इस्लामी विचारक, “सिदक़-ए-जादीद” के संपादक और मौलाना के शिक्षक। |
मौलाना अबू-स-सऊद साहब | दारुल उलूम सबीलूर रशाद (बैंगलोर) के प्रबंधक |
प्रो. मोहम्मद जुबैर सिद्दीकी | हमीदिया कॉलेज के अरबी विभाग के पूर्व प्रमुख |
मोहम्मद शरीफ साहब | हुज़ूर निज़ाम हैदराबाद के सचिव और रियासत के खत्म होने के बाद निज़ाम ट्रस्ट के विशेष अधिकारी |
मौलाना नजमुद्दीन शकीब नदवी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा के शिक्षक और जाने-माने विद्वान |
याकूब साहब | अधिवक्ता |
जनाब साबिर कुली खान साहब | मुहम्मद गढ़ के नवाब |
जनाब एच. एम. हुसैन साहब | हैदराबाद |
मौलाना हबीब रैहान खान नदवी अज़हरी | मुहम्मद बिन अली अल-सन्नुसी इस्लामिक विश्वविद्यालय बेंगाज़ी (लीबिया) के अरबी शिक्षक और दारुल उलूम ताजुल मस्जिद के पूर्व शिक्षा सचिव |
मौलाना मोहम्मद लुकमान खान साहब नदवी अज़हरी | मुहम्मद बिन अली अल-सानुसी इस्लामिक यूनिवर्सिटी बेनगाज़ी (लीबिया) के अरबी शिक्षक, दारुल उलूम ताजुल मस्जिद के शिक्षक और उप प्रबंधक |
मौलाना मोहम्मद नोमन खान साहब नदवी | दारुल उलूम ताजुल मस्जिद के पूर्व शिक्षक और उप प्रबंधक |
मौलाना डॉ. मसूदुर रहमान खान साहब नदवी अज़हरी | पूर्व प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष पश्चिम एशियाई अध्ययन, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय |
मौलाना मुहिबुल्ला साहब लारी नदवी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ के पूर्व प्रबंधक |
जनाब अब्दुल हफीज साहब मन्यार | गुजरात के बड़े व्यापारी, मौलाना के क़रीबी दोस्त, ताजुल मस्जिद के सलाहकार और धन उगाहने वाले |
जनाब युसूफ बेग साहब | व्यापारी (अमरावती) |
अब्दुल हसीब साहब | अमरावती |
जनाब सबाउद्दीन अब्दुर्रहमान साहब | हाउस ऑफ ऑथर्स के पूर्व निदेशक (दारुल मुसन्निफीन) |
डॉ. मोहम्मद हस्सान खान साहब | अरबी विभाग के पूर्व प्रमुख बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के वर्तमान निदेशक |
मौलाना अबुल इरफ़ान साहब नदवी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ के पूर्व शिक्षक और उप प्रबंधक |
प्रो. मौलवी मंजूर अहमद साहब | पूर्व विभागाध्यक्ष (अरबी) सेफिया कॉलेज भोपाल (म.प्र.) |
डॉ. सैय्यद अली साहब | हैदराबाद |
डॉ. मोहम्मद खालिद सिद्दीकी | पूर्व विभागाध्यक्ष (फारसी) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय |
जनाब कमरुद्दीन अंसारी | व्यापारी (कानपुर) |
प्रो. अख्तर अली खान | मज्जू मियां के पुत्र और सेफिया कॉलेज के पूर्व शिक्षक |
प्रो. अब्दुसत्तार खान साहब | पूर्व विभागाध्यक्ष (अरबी) उस्मानियाह विश्वविद्यालय हैदराबाद |
मौलवी अब्दुल खालिक | दारुल उलूम छापी अहमदाबाद गुजरात के पूर्व निदेशक |
मौलाना क़ाज़ी अतहर मुबारकपुरी | महान इतिहासकार आजमगढ़ |
जनाब यासीन अलाउद्दीन | हाजी अलाउद्दीन के पुत्र (मुंबई) और दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के समर्थक और शुभचिंतक |
मौलाना ज़ियाउद्दीन इस्लाही | हाउस ऑफ ऑथर्स के पूर्व निदेशक (दारुल मुसन्निफीन) |
जनाब सैय्यद जाहिद अली साहब | सेफिया कॉलेज के शिक्षक और पूर्व काजी वज्दियुल हुसैनी साहब के भाई |
डॉ. हुसैन मोहम्मद साहब नदवी अलीग | पूर्व यूनानी फार्मेसी (म.प्र.) के अधीक्षक |
मौलवी मिस्बाहुद्दीन कुरैशी | पूर्व अमीर तब्लीग़ और बड़े सईद मियां के पुत्र |
प्रो. जियाउल हसन नदवी | विभाग प्रमुख (अरबी) जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली |
मौलाना महबूबुर रहमान नदवी अज़हरी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ के पूर्व शिक्षक |
मौलाना मोहम्मद राबे हसनी नदवी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ के निदेशक |
मौलाना सईदुर रहमान आजमी नदवी | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ क उप निदेशक |
प्रो. यासीन मजहर सिद्दीकी नदवी | विभागाध्यक्ष (इस्लामिक अध्ययन) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय |
प्रो. अब्दुल कवी दसनवी | विभागाध्यक्ष (उर्दू) सैफीया कॉलेज भोपाल |
प्रो. इहतिशाम अहमद नदवी | विभागाध्यक्ष (अरबी) कालीकट विश्वविद्यालय |
मौलाना अब्दुल्ला अलाउद्दीन नदवी | अलाउद्दीन साहब के पुत्र (मुंबई) और दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के समर्थक और शुभचिंतक |
फारूक अहमद साहब | तब्लीग (बैंगलोर) के जिम्मेदार व्यक्ति |
मौलाना डॉ. अजीजुद्दीन नदवी | रियाजुल मदारिस (सिरोंज) के प्रबंधक |
जनाब मुहम्मद मियां | नवाब मियां के पुत्र (भोपाल के जाने-माने व्यापारी) |
जनाब सैय्यद महबूबुल हसन | नवाब सिद्दीकी हसन खान के पोते |
जनाब जावेद मियां साहब कांजे भाई | दारुल उलूम ताजुल मसाजिद के प्रबंधन सचिव |
मौलाना इब्राहिम नदवी | दारुल उलूम ताजुद मसाजिद के शुभचिंतक (मुंबई) |
मौलाना शोएब कोटि नदवी | पवित्र कुरान का व्याख्याकार, इस्लामी विद्वान (मुंबई) |
जनाब मोहम्मद अनस खान साहब | मौलाना के चचेरे भाई हाफिज मोहम्मद इदरीस खान साहब के पुत्र |
प्रो. डॉ. हबीबुल हसन | नागपुर |
मौलवी अब्दुल कादिर साहब नदवी | अमरावती |
मौलाना बुरहानुद्दीन संभली | दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ के पूर्व शिक्षक |
प्रो. कफील अहमद कासमी | विभागाध्यक्ष (अरबी) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय |
मौलाना उमैरस सिद्दीकी साहब नदवी | मासिक पत्रिका “मारीफ” के संपादक |
जनाब आरिफ अजीज साहब | मध्य प्रदेश के प्रख्यात पत्रकार |
मौलाना डॉ. आरिफ जुनैद नदवी | भोपाल के D.I.E.T कॉलेज के व्याख्याता |
मौलाना अब्दुल अजीज भटकली नदवी | उपाध्यक्ष दारुल उलूम नदवतुल उलमा लखनऊ |
मौलाना वज़ीह रशीद नदवी | पूर्व शिक्षा सचिव (दारुल उलमा नदवतुल उलमा लखनऊ) |
मौलाना डॉ. तकीउद्दीन नदवी मुज़हरी | शिक्षा सचिव (दारुल उलेमा नदवतुल उलमा लखनऊ) |
जनाब ज़ियाउद्दीन साहब अलावी | बीएचईएल भोपाल (म.प्र.) में पूर्व मुख्य अभियंता |
जनाब वसीम अख्तर साहब आईएएस | पूर्व I.A.S भोपाल (M.P.) |
जनाब अमीन आफताब साहब | तब्बू मियां के पुत्र भोपाल |
जनाब अब्दुल मुगनी साहब | भोपाल |
जनाब अब्दुल कादिर साहब | हकीम अब्दुल मुक्तादिर साहबके पुत्र और प्रबंधक जहान नुमा होटल भोपाल |
जनाब महमूद शरीफ़ साहब | शरीफ टुर्स एंड ट्रेवल्स हैदराबाद |
जनाब मूसा सिद्दीकी साहब | भोपाल |
जनाब सैय्यद शमसुल हसन आरिफ साहब | स्वामी दैनिक समाचार पत्र नदीम |
मौलाना इलियास भटकली नदवी | मौलाना अबुल हसन अली नदवी अकादमी भटकल (कर्नाटक) के निदेशक |
मौलाना डॉ. मोहम्मद वकील खान साहब नदवी | मध्य प्रदेश |
जनाब असद इफ्तिखार साहब | ग्लू फैक्ट्री के निदेशक और जनाब इफ्तिखार साहब के पुत्र भोपाल |
मौलवी अब्दुल बासित मन्यार | जनाब अब्दुल हफीज साहब मन्यार के पुत्र |
मौलवी सुफियान हसन नदवी | मौलाना प्रो. डॉ. मोहम्मद हसन खान के पुत्र और अरबी विभाग (बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय) भोपाल के अतिथि व्याख्याता |